kriya visheshan ( क्रिया विशेषण ) Bhed, Paribhasha , Examples

kriya visheshan ( क्रिया विशेषण ) Bhed, Paribhasha , Examples

kriya visheshan ( क्रिया विशेषण ) परिभाषा:- जिन शब्दों के कारण क्रिया की विशेषता का पता चलता है उसे kriya visheshan ( क्रिया विशेषण ) कहते हैं।

जैसे (Examples) :- (i) वह धीरे -धीरे चलता है।

(ii) खरगोश तेज दौड़ता है।

(iii) मेज के ऊपर किताब रखी है।

(iv) कुत्ता भागता है।

(v) संगीता पढती है।

(vi) वह यहाँ रहता है।

(vii) हम प्रतिदिन टहलने जाते हैं।

क्रियाविशेषण का वर्गीकरण तीन आधारों पर किया गया है (kriya visheshan ke bhed ) :-

(1) प्रयोग के आधार पर

(2) रूप के आधार पर

(3) अर्थ के आधार पर

(1) प्रयोग के आधार पर क्रियाविशेषण के भेद :-

1. साधारण क्रियाविशेषण

2. संयोजक क्रियाविशेषण

3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण

1. साधारण क्रियाविशेषण :-

जिन क्रियाविशेषणों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से वाक्य में किया जाता है उसे साधारण क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) बेटा ,जल्दी आओ |

(ii) अरे ! साँप कहाँ गया ?

2. संयोजक क्रियाविशेषण :-

जिन क्रियाविशेषणों का संबंध किसी उपवाक्य से होता है उसे संयोजक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- जहाँ पर अभी समुन्द्र है , वहाँ पर कभी जंगल था।

3. अनुबद्ध क्रियाविशेषण :-

जिन शब्दों का प्रयोग निश्चय के किसी भी शब्द भेद के साथ हो सकता हो उसे अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) यह तो किसी ने धोखा ही दिया है।

(ii) आपके आने भर की देर है।

(2) रूप के आधार पर kriya visheshan ( क्रिया विशेषण ) के भेद :-

1. मूल क्रियाविशेषण

2. यौगिक क्रियाविशेषण

3. स्थानीय क्रियाविशेषण

1. मूल क्रियाविशेषण :-

जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगये बिना बनते हैं अथार्त जो शब्द दूसरे शब्दों से मिलकर नहीं बनते उन्हें मूल क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- पास , दूर , ऊपर , आज , सदा , अचानक , फिर , नहीं , ठीक आदि।

2. यौगिक क्रियाविशेषण :-

जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं उन्हें यौगिक क्रियाविशेषण कहते हैं।

यौगिक शब्दों का निर्माण :

(1) संज्ञा से यौगिक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- सबेरे , सायं , आजन्म , क्रमशः , प्रेमपूर्वक , रातभर , मन से आदि।

(2) सर्वनाम से यौगिक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- यहाँ , वहाँ , अब , कब , इतना , उतना , जहाँ , जिससे आदि।

(3) विशेषण से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- चुपके , पहले , दूसरे , बहुधा , धीरे आदि।

(4) क्रिया से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- खाते , पीते , सोते , उठते , बैठते , जागते आदि।

(5) शब्दों की द्विरुक्ति से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- कभी – कभी , धीरे -धीरे , बार-बार , घर-घर , घड़ी-घड़ी , बीच-बीच , हाथों-हाथ , एक -एक , ठीक-ठीक , साफ-साफ , कब-कब , कहाँ-कहाँ आदि।

(6) विभिन्न शब्दों के मेल से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- रात – दिन , कल -परसो , साँझ- सवेरे , घर-बाहर , देश-विदेश , जहाँ -तहाँ , जब-तब , जब-कभी , आस-पास , जहाँ -कहीं आदि।

(7) संस्कृत के करण कारण से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- कृपया , साधारणतया आदि।

(8) त: प्रत्यय लगाने से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- वस्तुतः , मुख्यत: , विशेषत: आदि।

(9) उपसर्गों से जोड़ने से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- प्रति-प्रतिदिन , प्रत्येक , प्रतिफल आदि।

(10) धातु से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- देखने आते आदि।

(11) अव्यय से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- झट से , यहाँ तक आदि।

(12) दो समान या अलग क्रियाविशेषणों में न लगाकर :-

जैसे :- कभी -न-कभी , कुछ-न-कुछ आदि।

(13) अनुकरण वाचक की द्विरुक्ति से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- पटपट , तडतड , सटासट , धडाधड आदि।

(14) पूर्वकालिक कृदंत और विशेषण के जोड़ से क्रियाविशेषण :-

जैसे :- विशेषकर , बहुतकर , मुख्यकर , एक-एककर आदि।

3. स्थानीय क्रियाविशेषण :-

जो शब्द अन्य शब्द भेद में बिना किसी रूपान्तर के किसी विशेष स्थान पर प्रयोग होते हैं उसे स्थानीय क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- (i) वह अपना सिर पढ़ेगा।

(ii) तुम दौडकर चलते हो।

अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद :-

1. स्थानवाचक क्रिया विशेषण

2. कालवाचक क्रिया विशेषण

3. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण

4. रीतिवाचक क्रिया विशेषण

1. स्थानवाचक क्रियाविशेषण :-

जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के व्यापार के स्थान का पता चले उसे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

वे शब्द जो क्रिया के घटित होने के स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- यहाँ , वहाँ , कहाँ , जहाँ , तहाँ , सामने , नीचे , ऊपर , आगे , भीतर , बाहर , दूर , पास , अंदर , किधर , इस ओर , उस ओर , इधर , उधर , जिधर , दाएँ , बाएँ , दाहिने आदि।

उदाहरण :- (i) बच्चे ऊपर खेलते हैं।

(ii) अब वहाँ अकेला मजदूर था।

(iii) तुम बाहर बैठो।

(iv) वह ऊपर बैठा है।

(v) नीमा बाहर जा रही है।

(vi) शशि मेरे पास बैठी है।

(vii) सुधा बाहर गई है।

2. कालवाचक क्रियाविशेषण :-

जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के व्यापार के समय का पता चलता है उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।अथार्त जिन शब्दों से क्रिया के घटित होने के समय का पता चले उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- आज , कल , परसों , पहले , पीछे , अब तक , अभी-अभी , लगातार , बार-बार , प्रतिदिन , अक्सर , बाद में , जब , तब , अभी , आज , कभी , नित्य , सदा , तुरंत , आजकल , कई बार , हर बार आदि।

उदाहरण :- (i) आज बरसात होगी।

(ii) राम कल मेरे घर आएगा।

(iii) वह कल आया था।

(iv) तुम अब जा सकते हो।

(v) अब मैं स्कूल जा रहा हूँ।

(vi) रमा कल आई थी।

(vii) हमारा मित्र अभी आ जायेगा।

3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण :-

जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के परिमाण और उसकी संख्या का पता चलता है उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- बहुत , अधिक , पूर्णतया , सर्वथा , कुछ , थोडा , काफी , केवल , यथेष्ट , इतना , उतना , कितना , थोडा-थोडा , तिल-तिल , एक-एक करके , पर्याप्त , जरा , खूब , बिलकुल , बहुत , थोडा , ज्यादा , अल्प , केवल , तनिक , बड़ा , भारी , अत्यंत , लगभग , क्रमशः , सर्वथा , अतिशय , निपट , टुक , किंचित् , बराबर , अस्तु , यथाक्रम आदि।

उदाहरण :- (i) अधिक पढो।

(ii) ज्यादा सुनो।

(iii) कम बोलो।

(iv) अधिक पियो।

(v) आप अधिक बोलते हो।

(vi) मेरे पास कम पैसे हैं।

(vii) अशोक तेज दौड़ता है।

(viii) सुभाष बहुत पढ़ता है।

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण :-

जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की रीति या विधि का पता चलता है उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे :- सचमुच , ठीक , अवश्य , कदाचित , यथासंभव , ऐसे , वैसे , सहसा , तेज , सच ,अत: , इसलिए , क्योंकि , नहीं , मत , कदापि , तो , हो , मात्र , भर , गलत , सच , झूठ , धीरे , सहसा , ध्यानपूर्वक , हंसते हुए , तेजी से , फटाफट , धडामसे , झूमते हुए आदि।

उदाहरण :- (i) अचानक काले बादल घिर आए।

(ii) हरीश ध्यान पूर्वक पढ़ रहा है।

(iii) रमेश धीरे -धीरे चलता है।

(iv) वह तेज भागता है।

(v) कछुआ धीरे-धीरे चलता है।

(vi) नेहा मेहनत करती है।

(vii) नई जगह पर धीरे-धीरे चलना चाहिए।

(viii) वह मेरी ओर मुस्कुरा कर देख रही थी।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण के प्रकार :-

(1) निश्चयवाचक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- अवश्य , बेशक , सचमुच , वस्तुतः , निसंदेह , सही , जरुर , अलबत्ता , यथार्थ में , दरअसल आदि।

(2) अनिश्चयवाचक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- शायद , कदाचित , संभवतः , अक्सर , बहुतकर , यथासंभव आदि।

(3) कारणात्मक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- क्योंकि , अत: , अतएव , इसलिए , चूँकि , किसलिए , क्यों , काहे को आदि।

(4) आक्स्मिकतात्म्क क्रियाविशेषण :-

जैसे :- सहसा , अकस्मात , अचानक , एकाएक आदि।

(5) स्वीकारात्मक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- हाँ , सच , ठीक , बिलकुल , जी , अच्छा आदि।

(6) निषेधात्मक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- न , मत , नहीं आदि।

(7) आवृत्यात्मक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- गटागट , धडाधड आदि।

(8) अवधारक क्रियाविशेषण :-

जैसे :- ही , तो , भर , तक , भी , मात्र , सा आदि।

(9) निष्कर्ष क्रियाविशेषण :-

जैसे :- अत: , इसलिए आदि।

हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar ):- हिन्दी भाषावर्णमालाविराम चिन्हकारकअव्ययअलंकारसर्वनामसंज्ञाक्रियाविशेषणउपसर्गसमासरसछंदपदबंधप्रत्ययवचनपर्यायवाची शब्दविलोम शब्दशब्दमुहावराकाल अनेकार्थी शब्दतत्सम तद्भव शब्दक्रिया विशेषणवाच्यलिंगनिबन्ध लेखनवाक्यांशों के लिए एक शब्द -संधि विच्छेद

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