Roman ginti :- आज हम आपको roman ginti ( रोमन गिनती ) के बारें में बतायेगें । हमारे दैनिक जीवन में जितनी जरूरी हिन्दी और English के Number हैं उतने ही जरूरी roman ginti भी हैं। चाहें किताबें हो या आप कही online ही आप पढ़ रहें हो या कोई काम कर रहें हों आपको हर जगह roman ginti दिख ही जाती होगी । इस लिए roman ginti के बारें में जानना और भी जरूरी हो जाता हैं। हम आपको 1 to 100 roman number और roman numbers 1 to 1000 तक दोनो बतायेगें।
आपको सभी roman numbers के बारें में बताने से पहले हम आपको roman numbers ( रोमन गिनती ) के बारें में कुछ रोचक तथ्य बता देते हैं जिनके बारें में आपको जरूर जानना चाहिए।
रोमन अंक एक अंक प्रणाली है जो प्राचीन रोम में उत्पन्न हुई और पूरे यूरोप में देर से मध्य युग में संख्याओं को लिखने का सामान्य तरीका बना रहा। इस प्रणाली में संख्याओं को लैटिन वर्णमाला के अक्षरों के संयोजन द्वारा दर्शाया जाता है।
Roman Symbol | I | V | X | L | C | D | M |
---|---|---|---|---|---|---|---|
Value in Number | 1 | 5 | 10 | 50 | 100 | 500 | 1000 |
रोमन अंकों ( roman ank ) का प्रयोग रोमन साम्राज्य के पतन के बाद भी लंबे समय तक जारी रहा। 14वीं शताब्दी से, रोमन अंकों को अरबी अंकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाने लगा; हालाँकि, यह प्रक्रिया क्रमिक थी, और कुछ अनुप्रयोगों में आज भी रोमन अंकों का उपयोग जारी है।
एक जगह जो उन्हें अक्सर दिखाई देती है वह है घड़ी के मुख पर। उदाहरण के लिए, बिग बेन (1852 में डिजाइन) की घड़ी पर, 1 से 12 तक के घंटे इस प्रकार लिखे गए हैं-
I, II, III, IV, V, VI, VII, VIII, IX, X, XI, XII
Roman ginti ( Roman numbers ) को समझे
1 To 10 तक की Roman Ginti
संख्या | रोमन अंक | टिपण्णी |
---|---|---|
1 | I | I इसका मतलब 1 होता हैं । |
2 | II | II इसका मतलब 1 + 1 =2 होता हैं। |
3 | III | III इसका मतलब 1 + 1 + 1 =3 होता हैं। |
4 | IV | ‘V’ का मतलब पाँच (5) होता है – इसकी बाएँ तरफ़ ‘I’ (यानि 1) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और 5-1 = 4 होता है । |
5 | V | ‘V’ का मतलब पाँच (5) होता है । |
6 | VI | ‘V’ का मतलब पाँच (5) होता है – इसकी दाएँ तरफ़ ‘I’ (यानि 1) लिखने का मतलब है के वह संख्या बढ़ाई जा रही है और 5+1 = 6 होता है । |
7 | VII | इसे ऐसे समझ सकते हैं के 5(‘V’) में 2 (‘II’) जोड़ा जा रहा है, जिस से 7 बनता है । |
8 | VIII | इसे ऐसे समझ सकते हैं के 5(‘V’) में 3 (‘III’) जोड़ा जा रहा है, जिस से 8 बनता है । |
9 | IX | ‘X’ का मतलब दस (10) होता है – इसकी बाएँ तरफ़ ‘I’ (यानि 1) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और 10-1 = 9 होता है । |
10 | X |
10 से अधिक की Roman Ginti को समझे
संख्या | रोमन अंक | टिपण्णी |
---|---|---|
11 | XI | X का मतलब 10 और I का मतलब 1 यानी 10 + 1 = 11 |
14 | XIV | इसका अर्थ है के 10 (‘X’) में दाएँ तरफ़ की संख्या (‘V’ यानि 5) जोड़ो और बाएँ तरफ़ की संख्या (‘I’ यानि 1) घटाओ – 10+5-1=14 |
19 | XIX | ‘XX’ 20 होता है और उसमें से 1 घटाया जा रहा है – 20-1=19 |
40 | XL | ‘L’ का मतलब पचास (50) होता है जिसमें से ‘X’ (10) घटाया जा रहा है – 50-10=40 |
80 | LXXX | 50+10+10+10=80 |
90 | XC | ‘C’ का मतलब सौ (100) होता है – इसकी दाएँ तरफ़ ‘X’ (यानि 10) लिखने का मतलब है के वह संख्या घटाई जा रही है और 100-10=90 होता है |
300 | CCC | ‘C’ का मतलब सौ (100) होता है- CCC= 300 |
400 | CD | ‘D’ यानि 500, जिसमें से ‘C’ यानि 100 कम किये गए – जिससे 400 बने |
499 | CDXCIX | ‘CD’ का मतलब 400, ‘XC’ का मतलब 100-10=90 और ‘IX’ का मतलब 10-1=9 – यानि कुल मिलकर 400+90+9=499 |
1000 | M | M का मतलब 1000 |
1994 | MCMXCIV | 1000+(1000-100)+(100-90)+(5-1)=1000+900+90+4=1994 |
3888 | MMMDCCCLXXXVIII |
1 to 100 Roman Number ( Roman ginti )
Number | Roman Numeral |
Calculation |
---|---|---|
0 | not defined |
|
1 | I | 1 |
2 | II | 1+1 |
3 | III | 1+1+1 |
4 | IV | 5-1 |
5 | V | 5 |
6 | VI | 5+1 |
7 | VII | 5+1+1 |
8 | VIII | 5+1+1+1 |
9 | IX | 10-1 |
10 | X | 10 |
11 | XI | 10+1 |
12 | XII | 10+1+1 |
13 | XIII | 10+1+1+1 |
14 | XIV | 10-1+5 |
15 | XV | 10+5 |
16 | XVI | 10+5+1 |
17 | XVII | 10+5+1+1 |
18 | XVIII | 10+5+1+1+1 |
19 | XIX | 10-1+10 |
20 | XX | 10+10 |
21 | XXI | 10+10+1 |
22 | XXII | 10+10+1+1 |
23 | XXIII | 10+10+1+1+1 |
24 | XXIV | 10+10-1+5 |
25 | XXV | 10+10+5 |
26 | XXVI | 10+10+5+1 |
27 | XXVII | 10+10+5+1+1 |
28 | XXVIII | 10+10+5+1+1+1 |
29 | XXIX | 10+10-1+10 |
30 | XXX | 10+10+10 |
31 | XXXI | 10+10+10+1 |
32 | XXXII | 10+10+10+1+1 |
33 | XXXIII | 10+10+10+1+1+1 |
34 | XXXIV | 10+10+10-1+5 |
35 | XXXV | 10+10+10+5 |
36 | XXXVI | 10+10+10+5+1 |
37 | XXXVII | 10+10+10+5+1+1 |
38 | XXXVIII | 10+10+10+5+1+1+1 |
39 | XXXIX | 10+10+10-1+10 |
40 | XL | 50-10 |
41 | XLI | 50-10+1 |
42 | XLII | 50-10+1+1 |
43 | XLIII | 50-10+1+1+1 |
44 | XLIV | 50-10-1+5 |
45 | XLV | 50-10+5 |
46 | XLVI | 50-10+5+1 |
47 | XLVII | 50-10+5+1+1 |
48 | XLVIII | 50-10+5+1+1+1 |
49 | XLIX | 50-10-1+10 |
50 | L | 50 |
51 | LI | 50+1 |
52 | LII | 50+1+1 |
53 | LIII | 50+1+1+1 |
54 | LIV | 50-1+5 |
55 | LV | 50+5 |
56 | LVI | 50+5+1 |
57 | LVII | 50+5+1+1 |
58 | LVIII | 50+5+1+1+1 |
59 | LIX | 50-1+10 |
60 | LX | 50+10 |
61 | LXI | 50+10+1 |
62 | LXII | 50+10+1+1 |
63 | LXIII | 50+10+1+1+1 |
64 | LXIV | 50+10-1+5 |
65 | LXV | 50+10+5 |
66 | LXVI | 50+10+5+1 |
67 | LXVII | 50+10+5+1+1 |
68 | LXVIII | 50+10+5+1+1+1 |
69 | LXIX | 50+10-1+10 |
70 | LXX | 50+10+10 |
71 | LXXI | 50+10+10+1 |
72 | LXXII | 50+10+10+1+1 |
73 | LXXIII | 50+10+10+1+1+1 |
74 | LXXIV | 50+10+10-1+5 |
75 | LXXV | 50+10+10+5 |
76 | LXXVI | 50+10+10+5+1 |
77 | LXXVII | 50+10+10+5+1+1 |
78 | LXXVIII | 50+10+10+5+1+1+1 |
79 | LXXIX | 50+10+10-1+10 |
80 | LXXX | 50+10+10+10 |
81 | LXXXI | 50+10+10+10+1 |
82 | LXXXII | 50+10+10+10+1+1 |
83 | LXXXIII | 50+10+10+10+1+1+1 |
84 | LXXXIV | 50+10+10+10-1+5 |
85 | LXXXV | 50+10+10+10+5 |
86 | LXXXVI | 50+10+10+10+5+1 |
87 | LXXXVII | 50+10+10+10+5+1+1 |
88 | LXXXVIII | 50+10+10+10+5+1+1+1 |
89 | LXXXIX | 50+10+10+10-1+10 |
90 | XC | 100-10 |
91 | XCI | 100-10+1 |
92 | XCII | 100-10+1+1 |
93 | XCIII | 100-10+1+1+1 |
94 | XCIV | 100-10-1+5 |
95 | XCV | 100-10+5 |
96 | XCVI | 100-10+5+1 |
97 | XCVII | 100-10+5+1+1 |
98 | XCVIII | 100-10+5+1+1+1 |
99 | XCIX | 100-10-1+10 |
100 | C | 100 |
Roman Ginti ( Roman Numbers 1 to 1000 )
- I
- II
- III
- IV
- V
- VI
- VII
- VIII
- IX
- X
- XI
- XII
- XIII
- XIV
- XV
- XVI
- XVII
- XVIII
- XIX
- XX
- XXI
- XXII
- XXIII
- XXIV
- XXV
- XXVI
- XXVII
- XXVIII
- XXIX
- XXX
- XXXI
- XXXII
- XXXIII
- XXXIV
- XXXV
- XXXVI
- XXXVII
- XXXVIII
- XXXIX
- XL
- XLI
- XLII
- XLIII
- XLIV
- XLV
- XLVI
- XLVII
- XLVIII
- XLIX
- L
- LI
- LII
- LIII
- LIV
- LV
- LVI
- LVII
- LVIII
- LIX
- LX
- LXI
- LXII
- LXIII
- LXIV
- LXV
- LXVI
- LXVII
- LXVIII
- LXIX
- LXX
- LXXI
- LXXII
- LXXIII
- LXXIV
- LXXV
- LXXVI
- LXXVII
- LXXVIII
- LXXIX
- LXXX
- LXXXI
- LXXXII
- LXXXIII
- LXXXIV
- LXXXV
- LXXXVI
- LXXXVII
- LXXXVIII
- LXXXIX
- XC
- XCI
- XCII
- XCIII
- XCIV
- XCV
- XCVI
- XCVII
- XCVIII
- XCIX
- C
- CI
- CII
- CIII
- CIV
- CV
- CVI
- CVII
- CVIII
- CIX
- CX
- CXI
- CXII
- CXIII
- CXIV
- CXV
- CXVI
- CXVII
- CXVIII
- CXIX
- CXX
- CXXI
- CXXII
- CXXIII
- CXXIV
- CXXV
- CXXVI
- CXXVII
- CXXVIII
- CXXIX
- CXXX
- CXXXI
- CXXXII
- CXXXIII
- CXXXIV
- CXXXV
- CXXXVI
- CXXXVII
- CXXXVIII
- CXXXIX
- CXL
- CXLI
- CXLII
- CXLIII
- CXLIV
- CXLV
- CXLVI
- CXLVII
- CXLVIII
- CXLIX
- CL
- CLI
- CLII
- CLIII
- CLIV
- CLV
- CLVI
- CLVII
- CLVIII
- CLIX
- CLX
- CLXI
- CLXII
- CLXIII
- CLXIV
- CLXV
- CLXVI
- CLXVII
- CLXVIII
- CLXIX
- CLXX
- CLXXI
- CLXXII
- CLXXIII
- CLXXIV
- CLXXV
- CLXXVI
- CLXXVII
- CLXXVIII
- CLXXIX
- CLXXX
- CLXXXI
- CLXXXII
- CLXXXIII
- CLXXXIV
- CLXXXV
- CLXXXVI
- CLXXXVII
- CLXXXVIII
- CLXXXIX
- CXC
- CXCI
- CXCII
- CXCIII
- CXCIV
- CXCV
- CXCVI
- CXCVII
- CXCVIII
- CXCIX
- CC
- CCI
- CCII
- CCIII
- CCIV
- CCV
- CCVI
- CCVII
- CCVIII
- CCIX
- CCX
- CCXI
- CCXII
- CCXIII
- CCXIV
- CCXV
- CCXVI
- CCXVII
- CCXVIII
- CCXIX
- CCXX
- CCXXI
- CCXXII
- CCXXIII
- CCXXIV
- CCXXV
- CCXXVI
- CCXXVII
- CCXXVIII
- CCXXIX
- CCXXX
- CCXXXI
- CCXXXII
- CCXXXIII
- CCXXXIV
- CCXXXV
- CCXXXVI
- CCXXXVII
- CCXXXVIII
- CCXXXIX
- CCXL
- CCXLI
- CCXLII
- CCXLIII
- CCXLIV
- CCXLV
- CCXLVI
- CCXLVII
- CCXLVIII
- CCXLIX
- CCL
- CCLI
- CCLII
- CCLIII
- CCLIV
- CCLV
- CCLVI
- CCLVII
- CCLVIII
- CCLIX
- CCLX
- CCLXI
- CCLXII
- CCLXIII
- CCLXIV
- CCLXV
- CCLXVI
- CCLXVII
- CCLXVIII
- CCLXIX
- CCLXX
- CCLXXI
- CCLXXII
- CCLXXIII
- CCLXXIV
- CCLXXV
- CCLXXVI
- CCLXXVII
- CCLXXVIII
- CCLXXIX
- CCLXXX
- CCLXXXI
- CCLXXXII
- CCLXXXIII
- CCLXXXIV
- CCLXXXV
- CCLXXXVI
- CCLXXXVII
- CCLXXXVIII
- CCLXXXIX
- CCXC
- CCXCI
- CCXCII
- CCXCIII
- CCXCIV
- CCXCV
- CCXCVI
- CCXCVII
- CCXCVIII
- CCXCIX
- CCC
- CCCI
- CCCII
- CCCIII
- CCCIV
- CCCV
- CCCVI
- CCCVII
- CCCVIII
- CCCIX
- CCCX
- CCCXI
- CCCXII
- CCCXIII
- CCCXIV
- CCCXV
- CCCXVI
- CCCXVII
- CCCXVIII
- CCCXIX
- CCCXX
- CCCXXI
- CCCXXII
- CCCXXIII
- CCCXXIV
- CCCXXV
- CCCXXVI
- CCCXXVII
- CCCXXVIII
- CCCXXIX
- CCCXXX
- CCCXXXI
- CCCXXXII
- CCCXXXIII
- CCCXXXIV
- CCCXXXV
- CCCXXXVI
- CCCXXXVII
- CCCXXXVIII
- CCCXXXIX
- CCCXL
- CCCXLI
- CCCXLII
- CCCXLIII
- CCCXLIV
- CCCXLV
- CCCXLVI
- CCCXLVII
- CCCXLVIII
- CCCXLIX
- CCCL
- CCCLI
- CCCLII
- CCCLIII
- CCCLIV
- CCCLV
- CCCLVI
- CCCLVII
- CCCLVIII
- CCCLIX
- CCCLX
- CCCLXI
- CCCLXII
- CCCLXIII
- CCCLXIV
- CCCLXV
- CCCLXVI
- CCCLXVII
- CCCLXVIII
- CCCLXIX
- CCCLXX
- CCCLXXI
- CCCLXXII
- CCCLXXIII
- CCCLXXIV
- CCCLXXV
- CCCLXXVI
- CCCLXXVII
- CCCLXXVIII
- CCCLXXIX
- CCCLXXX
- CCCLXXXI
- CCCLXXXII
- CCCLXXXIII
- CCCLXXXIV
- CCCLXXXV
- CCCLXXXVI
- CCCLXXXVII
- CCCLXXXVIII
- CCCLXXXIX
- CCCXC
- CCCXCI
- CCCXCII
- CCCXCIII
- CCCXCIV
- CCCXCV
- CCCXCVI
- CCCXCVII
- CCCXCVIII
- CCCXCIX
- CD
- CDI
- CDII
- CDIII
- CDIV
- CDV
- CDVI
- CDVII
- CDVIII
- CDIX
- CDX
- CDXI
- CDXII
- CDXIII
- CDXIV
- CDXV
- CDXVI
- CDXVII
- CDXVIII
- CDXIX
- CDXX
- CDXXI
- CDXXII
- CDXXIII
- CDXXIV
- CDXXV
- CDXXVI
- CDXXVII
- CDXXVIII
- CDXXIX
- CDXXX
- CDXXXI
- CDXXXII
- CDXXXIII
- CDXXXIV
- CDXXXV
- CDXXXVI
- CDXXXVII
- CDXXXVIII
- CDXXXIX
- CDXL
- CDXLI
- CDXLII
- CDXLIII
- CDXLIV
- CDXLV
- CDXLVI
- CDXLVII
- CDXLVIII
- CDXLIX
- CDL
- CDLI
- CDLII
- CDLIII
- CDLIV
- CDLV
- CDLVI
- CDLVII
- CDLVIII
- CDLIX
- CDLX
- CDLXI
- CDLXII
- CDLXIII
- CDLXIV
- CDLXV
- CDLXVI
- CDLXVII
- CDLXVIII
- CDLXIX
- CDLXX
- CDLXXI
- CDLXXII
- CDLXXIII
- CDLXXIV
- CDLXXV
- CDLXXVI
- CDLXXVII
- CDLXXVIII
- CDLXXIX
- CDLXXX
- CDLXXXI
- CDLXXXII
- CDLXXXIII
- CDLXXXIV
- CDLXXXV
- CDLXXXVI
- CDLXXXVII
- CDLXXXVIII
- CDLXXXIX
- CDXC
- CDXCI
- CDXCII
- CDXCIII
- CDXCIV
- CDXCV
- CDXCVI
- CDXCVII
- CDXCVIII
- CDXCIX
- D
- DI
- DII
- DIII
- DIV
- DV
- DVI
- DVII
- DVIII
- DIX
- DX
- DXI
- DXII
- DXIII
- DXIV
- DXV
- DXVI
- DXVII
- DXVIII
- DXIX
- DXX
- DXXI
- DXXII
- DXXIII
- DXXIV
- DXXV
- DXXVI
- DXXVII
- DXXVIII
- DXXIX
- DXXX
- DXXXI
- DXXXII
- DXXXIII
- DXXXIV
- DXXXV
- DXXXVI
- DXXXVII
- DXXXVIII
- DXXXIX
- DXL
- DXLI
- DXLII
- DXLIII
- DXLIV
- DXLV
- DXLVI
- DXLVII
- DXLVIII
- DXLIX
- DL
- DLI
- DLII
- DLIII
- DLIV
- DLV
- DLVI
- DLVII
- DLVIII
- DLIX
- DLX
- DLXI
- DLXII
- DLXIII
- DLXIV
- DLXV
- DLXVI
- DLXVII
- DLXVIII
- DLXIX
- DLXX
- DLXXI
- DLXXII
- DLXXIII
- DLXXIV
- DLXXV
- DLXXVI
- DLXXVII
- DLXXVIII
- DLXXIX
- DLXXX
- DLXXXI
- DLXXXII
- DLXXXIII
- DLXXXIV
- DLXXXV
- DLXXXVI
- DLXXXVII
- DLXXXVIII
- DLXXXIX
- DXC
- DXCI
- DXCII
- DXCIII
- DXCIV
- DXCV
- DXCVI
- DXCVII
- DXCVIII
- DXCIX
- DC
- DCI
- DCII
- DCIII
- DCIV
- DCV
- DCVI
- DCVII
- DCVIII
- DCIX
- DCX
- DCXI
- DCXII
- DCXIII
- DCXIV
- DCXV
- DCXVI
- DCXVII
- DCXVIII
- DCXIX
- DCXX
- DCXXI
- DCXXII
- DCXXIII
- DCXXIV
- DCXXV
- DCXXVI
- DCXXVII
- DCXXVIII
- DCXXIX
- DCXXX
- DCXXXI
- DCXXXII
- DCXXXIII
- DCXXXIV
- DCXXXV
- DCXXXVI
- DCXXXVII
- DCXXXVIII
- DCXXXIX
- DCXL
- DCXLI
- DCXLII
- DCXLIII
- DCXLIV
- DCXLV
- DCXLVI
- DCXLVII
- DCXLVIII
- DCXLIX
- DCL
- DCLI
- DCLII
- DCLIII
- DCLIV
- DCLV
- DCLVI
- DCLVII
- DCLVIII
- DCLIX
- DCLX
- DCLXI
- DCLXII
- DCLXIII
- DCLXIV
- DCLXV
- DCLXVI
- DCLXVII
- DCLXVIII
- DCLXIX
- DCLXX
- DCLXXI
- DCLXXII
- DCLXXIII
- DCLXXIV
- DCLXXV
- DCLXXVI
- DCLXXVII
- DCLXXVIII
- DCLXXIX
- DCLXXX
- DCLXXXI
- DCLXXXII
- DCLXXXIII
- DCLXXXIV
- DCLXXXV
- DCLXXXVI
- DCLXXXVII
- DCLXXXVIII
- DCLXXXIX
- DCXC
- DCXCI
- DCXCII
- DCXCIII
- DCXCIV
- DCXCV
- DCXCVI
- DCXCVII
- DCXCVIII
- DCXCIX
- DCC
- DCCI
- DCCII
- DCCIII
- DCCIV
- DCCV
- DCCVI
- DCCVII
- DCCVIII
- DCCIX
- DCCX
- DCCXI
- DCCXII
- DCCXIII
- DCCXIV
- DCCXV
- DCCXVI
- DCCXVII
- DCCXVIII
- DCCXIX
- DCCXX
- DCCXXI
- DCCXXII
- DCCXXIII
- DCCXXIV
- DCCXXV
- DCCXXVI
- DCCXXVII
- DCCXXVIII
- DCCXXIX
- DCCXXX
- DCCXXXI
- DCCXXXII
- DCCXXXIII
- DCCXXXIV
- DCCXXXV
- DCCXXXVI
- DCCXXXVII
- DCCXXXVIII
- DCCXXXIX
- DCCXL
- DCCXLI
- DCCXLII
- DCCXLIII
- DCCXLIV
- DCCXLV
- DCCXLVI
- DCCXLVII
- DCCXLVIII
- DCCXLIX
- DCCL
- DCCLI
- DCCLII
- DCCLIII
- DCCLIV
- DCCLV
- DCCLVI
- DCCLVII
- DCCLVIII
- DCCLIX
- DCCLX
- DCCLXI
- DCCLXII
- DCCLXIII
- DCCLXIV
- DCCLXV
- DCCLXVI
- DCCLXVII
- DCCLXVIII
- DCCLXIX
- DCCLXX
- DCCLXXI
- DCCLXXII
- DCCLXXIII
- DCCLXXIV
- DCCLXXV
- DCCLXXVI
- DCCLXXVII
- DCCLXXVIII
- DCCLXXIX
- DCCLXXX
- DCCLXXXI
- DCCLXXXII
- DCCLXXXIII
- DCCLXXXIV
- DCCLXXXV
- DCCLXXXVI
- DCCLXXXVII
- DCCLXXXVIII
- DCCLXXXIX
- DCCXC
- DCCXCI
- DCCXCII
- DCCXCIII
- DCCXCIV
- DCCXCV
- DCCXCVI
- DCCXCVII
- DCCXCVIII
- DCCXCIX
- DCCC
- DCCCI
- DCCCII
- DCCCIII
- DCCCIV
- DCCCV
- DCCCVI
- DCCCVII
- DCCCVIII
- DCCCIX
- DCCCX
- DCCCXI
- DCCCXII
- DCCCXIII
- DCCCXIV
- DCCCXV
- DCCCXVI
- DCCCXVII
- DCCCXVIII
- DCCCXIX
- DCCCXX
- DCCCXXI
- DCCCXXII
- DCCCXXIII
- DCCCXXIV
- DCCCXXV
- DCCCXXVI
- DCCCXXVII
- DCCCXXVIII
- DCCCXXIX
- DCCCXXX
- DCCCXXXI
- DCCCXXXII
- DCCCXXXIII
- DCCCXXXIV
- DCCCXXXV
- DCCCXXXVI
- DCCCXXXVII
- DCCCXXXVIII
- DCCCXXXIX
- DCCCXL
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Note- तो आज हमने क्या सीखा 1 to 100 roman number, roman numbers 1 to 1000, roman ank, roman counting 1 to 100, 1000 in roman numerals, roman numbers 1 to 20, 12 in roman number, 50 in roman numerals, roman no, 99 in roman numerals, 49 in roman numerals, आशा करता हूँ कि आप Roman ginti को अच्छी तरह से समझ गये होगें, फिर भी आपको कही पर कोई समस्या आती हैं तो आप हमको Comment करके बता सकते हैं।